एक पुराने ज़माने की कहावत है… “जहाँ नहीं पहुँचता रवि, वहाँ पहुँचता है कवि”😃😝😂🤣😜

GST (Goods and Services Tax) का मतलब क्या है? एक सामान्य उदाहरण से समझें।

जब एक कुंवारा युवक रात में देर से घर आता है, तो उसे घर में देर से आने के लिए कई लोगों को जवाब देना पड़ता है – बहन, भाई, मम्मी, पापा, दादा, दादी, सबको देर से आने की वजह बतानी पड़ती है। अब अगर इस युवक की शादी हो जाती है, तो उसे किसी को जवाब देने की जरूरत नहीं होगी, केवल पत्नी को ही देर से आने का कारण बताना होगा। बस यही है GST। अलग-अलग तरह के कई करों के बजाय केवल एक ही कर।

GST से डर क्यों लगता है?

क्योंकि भाई, बहन, मम्मी, पापा, दादा, दादी इन सबको किसी न किसी लालच देकर सेटेलमेंट हो सकता था, लेकिन पत्नी के साथ किसी भी सूरत में सेटेलमेंट नहीं हो सकता।

समझ गए GST?

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एक पुराने जमाने की कहावत है…

“जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि”

और

अब डिजिटल जमाने की कहावत:

“जहां न पहुंचे एसटी, वहां पहुंचे जीएसटी”

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