मेरे जीवन का सबसे मज़ेदार पल वो था??जब मैंने 😃😝😂🤣😜

दादाजी का श्राद्ध था

बा ने अपने बेटे से कहा, “जा, छत पर देख आ कि (कागा) तेरे बापाजी आए हैं या नहीं?”

बेटा छत पर जाकर वापस आया, “बा, बापू शांतुमासी के छत पर हैं।”

बा, “हमेशा से तेरे बाप को शांतुदी ही पसंद थी। मरने के बाद भी उसे नहीं भूले…”
😏😯😄😂😜

मेरी ज़िन्दगी का सबसे हास्यास्पद पल:

जब मुझे परीक्षा में क्या लिखना है, उसकी समझ नहीं आ रही थी और

सुपरवाइज़र मेरे पास आकर बोला,

“सीधे बैठ, पीछे वाला देख रहा है…”

😃😝😂🤣😜

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