गर्भवती महिला रक्षाबंधन मनाने अकेली ट्रैन में जाने वाली थी। अचानक देर रत को स्टेशन पर ट्रैन आई , लेकिन कुली दिखा नहीं, कुछ देर बाद…..Part-2
Pregnancy Travel Safety | Best Luggage Handling Services
समय बीतता गया और घड़ी में 2 बज गए। ट्रेन प्लेटफॉर्म पर आ गई। श्रीनल ने इधर-उधर देखा लेकिन कुली कहीं नहीं दिखा। उसकी चिंता बढ़ने लगी। इतने भारी सामान के साथ ट्रेन में चढ़ना उसके लिए असंभव सा लग रहा था। उसकी आँखों में आँसू भर आए। फिर जैसे किसी जादुई शक्ति से कुली अचानक उसके सामने आ खड़ा हुआ और बिना कुछ कहे उसका सामान ट्रेन में चढ़ाने लगा।
श्रीनल का दिल राहत से भर गया। उसने कुली का धन्यवाद किया और अपना पर्स खोलकर उसे पैसे देने की कोशिश की। लेकिन ट्रेन की गति तेज होने लगी। श्रीनल ने कुली को पैसे देने के लिए खिड़की से हाथ बढ़ाया, लेकिन कुली ने पैसे पकड़ने की कोशिश की और असफल रहा। ट्रेन तेजी से आगे बढ़ी और कुली धीरे-धीरे उसकी नजरों से ओझल हो गया।
Unexpected Travel Experiences | Gratitude in Journey
श्रीनल उस कुली के प्रति कृतज्ञता से भर गई थी, लेकिन उसे पैसे न दे पाने का दुख भी था। उसने इंदौर में रक्षाबंधन का त्योहार खुशी से मनाया, लेकिन कुली की यादें उसके मन में बनी रहीं। उत्सव के बाद जब वह अपने गांव लौटी, तो उसमें कुली से मिलने और उसकी बकाया रकम देने की प्रबल इच्छा थी।
एक दिन वह फिर से रेलवे स्टेशन पर पहुंची और अन्य कुलियों से उस कुली के बारे में पूछताछ करने लगी। उसने सबको बताया कि वह सफेद दाढ़ी वाला 60-65 वर्ष का वृद्ध कुली था। लेकिन सभी कुलियों ने कहा कि इस छोटे स्टेशन पर सिर्फ 10-12 कुली हैं और उनमें से कोई भी इतना बूढ़ा नहीं है।