पास खड़े मोनू के पापा यह सुनकर बेहोश हो गए। 🤣😂🤣🤣
एक छात्र ने संस्कृत के शिक्षक से पूछा, “गुरुजी, एरिक तम नपाम्रधू। एरिक तम नपाद्यम। इस श्लोक का अर्थ क्या है?”
गुरुजी ने इस श्लोक को सभी संस्कृत पुस्तकों और ग्रंथों में बहुत खोजा, सभी संस्कृत के जानकारों से भी पूछा, पर अर्थ नहीं मिला। छात्र उन्हें बार-बार यह प्रश्न पूछता रहा।
आखिरकार, गुरुजी ने हार मानकर छात्र से पूछा, “यह श्लोक तुमने कहाँ पढ़ा?”
छात्र: “प्रिंसिपल के केबिन के बाहर।”
गुरुजी छात्र को तुरंत प्रिंसिपल के केबिन के बाहर ले गए, जहाँ छात्र ने उन्हें यह श्लोक कांच के गेट पर लिखा दिखाया।
गुरुजी ने छात्र को चप्पल टूटने तक मारा।
क्योंकि वह कांच के गेट को उल्टा पढ़ रहा था। सही में लिखा था, “धूम्रपान मत करिए । मद्यपान मत करिए।”
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छोटु तुम्हारे पापा कितने साल के हैं?
छोटू: “जितने साल का मैं हूँ।”
छोटू: “वो कैसे?”
मोनू: “जिस दिन मैं पैदा हुआ था, उसी दिन वो पापा बने।”
पास खड़े मोनू के पापा यह सुनकर बेहोश हो गए।
🤣😂🤣🤣