बाउजी ने पुत्र से कहा, मेरा पलंग कमरे में नहीं, गैलरी में रख दो। पुत्र की Lawyer पत्नी ने कहा, इतना सुविधाजनक कमरा दिया है, फिर भी गैलरी में क्यों रखना है? कुछ दिनों बाद…Last Part
विनीत ने आश्चर्य से बाउजी की ओर देखा। बाउजी हंसते हुए बोले, “हाँ बेटा, तूने ऊपर के कमरे में बहुत सारी सुविधाएँ दीं, लेकिन मेरे अपने लोग मेरे साथ नहीं थे। मैं किसी से बात नहीं कर सकता था। पलंग गैलरी में रखा होने से बाहर जाते वक्त बात होती है। और जब तुम लोग बैठे होते हो, तो शाम को व्योम और परी से बातें होती हैं।”
बाउजी की बात सुनकर विनीत कुछ समझ गया। उसने सोचा कि शायद वृद्धों को भौतिक सुख-सुविधाओं से ज्यादा उनके अपनों की संगत की जरूरत होती है।
वृद्धों को सम्मान दो, वे हमारी धरोहर हैं! ये ऐसे वृक्ष हैं जो थोड़े कड़वे हो सकते हैं, लेकिन उनके फल बहुत मीठे होते हैं और उनकी छांव की कोई तुलना नहीं!
अगर यह कहानी आपको पसंद आई हो तो इसे दूसरों के साथ जरूर शेयर करें और इसे 1 से 10 के बीच रेटिंग भी दें।