बाउजी ने पुत्र से कहा, मेरा पलंग कमरे में नहीं, गैलरी में रख दो। पुत्र की Lawyer पत्नी ने कहा, इतना सुविधाजनक कमरा दिया है, फिर भी गैलरी में क्यों रखना है? कुछ दिनों बाद…Part-2
विनीत ने सोचा कि बाउजी बीमार हैं। अगर वह ऐसा चाहते हैं तो हमें उनकी बात माननी चाहिए। इसलिए उसने बाउजी का पलंग गैलरी में रख दिया।
अब बाउजी गैलरी में रहते थे। वह सुबह उठकर गेट तक टहलने भी जाते थे। लॉन में खेलते समय अपने पोतों से बातें भी करते थे। कभी-कभी वह विनीत से अपनी पसंद की खाने-पीने की चीजें लाने का अनुरोध भी करते थे।
एक दिन विनीत घर आया तो उसने पुत्र व्योम की आवाज़ सुनी। व्योम कह रहा था, “दादा, मेरा बॉल फेंक दो।” विनीत ने व्योम को डांटते हुए कहा, “दादाजी से ऐसे मेहनत वाला काम मत करवाओ। वह वृद्ध हैं।”
व्योम ने मासूमियत से कहा, “पापा, दादा तो हमारी बॉल रोज़ उठाकर फेंकते हैं और हम तो ऐसे ही उनके साथ खेलते हैं।”