बाउजी ने पुत्र से कहा, मेरा पलंग कमरे में नहीं, गैलरी में रख दो। पुत्र की Lawyer पत्नी ने कहा, इतना सुविधाजनक कमरा दिया है, फिर भी गैलरी में क्यों रखना है? कुछ दिनों बाद…
एक बार की बात है कि एक वृद्ध व्यक्ति था। उनके पुत्र का नाम विनीत और पुत्री का नाम परी था। बाउजी अब 75 साल के हो गए थे और उन्हें चलने में थोड़ी तकलीफ होती थी। विनीत और परी दोनों बहुत व्यस्त थे। विनीत एक कंपनी में मैनेजर था और परी एक Lawyer थी।
दोनों सुबह जल्दी उठ जाते और देर रात तक ऑफिस में काम करते। परी भी व्यस्त रहती।
एक दिन बाउजी ने विनीत से कहा कि वह अपना पलंग गैलरी में रखना चाहते हैं। विनीत को यह बात अजीब लगी। उसने सोचा कि बाउजी को आराम करने के लिए ऊपर की मंजिल पर एक अलग कमरा दिया गया है, उसमें सारी सुविधाएँ भी हैं, लेकिन फिर भी वह गैलरी में क्यों रहना चाहते हैं?
विनीत ने अपनी पत्नी साक्षी जो की Lawyer हैं, इस बारे में बात की। साक्षी ने भी यही कहा कि बाउजी का यह आग्रह समझ में नहीं आ रहा है। उसने कहा कि बाउजी को ऊपर की मंजिल पर आरामदायक कमरा दिया गया है, फिर भी वह गैलरी में क्यों रहना चाहते हैं?