4 दिनों से बेटी ग़ायब थी, चौथे दिन अचानक बेटी घर लोटी, दरवाज़ा खोला तो बेटी …..Part-2
विनय ने आँसू पोंछकर दरवाजा खोला। सामने अनुष्का खड़ी थी। उसे देखकर विनय हैरान रह गए। एक पल के लिए उनका मन हुआ कि दरवाजा बंद कर दें और अनुष्का को डाँट-फटकार करें, लेकिन अपनी डरी-सहमी बेटी का चेहरा देखकर उनका दिल पिघल गया, और उन्होंने उसे अंदर बुला लिया।
अनु्ष्का को देखते ही मीना दौड़कर उसके पास आईं। अनु्ष्का काँप रही थी। उसने अपनी माँ को देखा और उनके गले लगकर फूट-फूट कर रोने लगी। मीना ने उसे रोने दिया। जब अनु्ष्का थोड़ी शांत हुई, मीना ने प्यार से पूछा, “बेटा, कहाँ थी? हम कितने चिंतित हो गए थे।”
अनु्ष्का ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, “मम्मी, मैंने तो आपको बताया था कि ऑफिस के काम से जयपुर जा रही हूँ दो दिन के लिए। आपको याद है न?”
“हाँ बेटा, लेकिन दो दिन हो गए, न तेरा फोन आया और न कोई खबर,” मीना ने चिंतित आवाज़ में कहा।