हृदय रोगियों के लिए खुशखबरी: अब सर्जरी के बिना बदलेगा हृदय का वाल्व, लोहिया संस्थान के डॉक्टरों की उपलब्धि
हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब सर्जरी के बिना वाल्व बदला जा सकेगा। इस सफल ऑपरेशन को लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के डॉक्टरों ने अंजाम दिया है। राम मनोहर लोहिया के डॉक्टरों ने मात्र 45 मिनट में बिना किसी चीरे के मरीज के हृदय का वाल्व बदल दिया।
संत कबीर नगर के निवासी 71 वर्षीय वृद्ध को हृदय की बीमारी के कारण लखनऊ के आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में भर्ती कराया गया था। कार्डियोलॉजी विभाग में डॉ. भुवनचंद्र तिवारी के मार्गदर्शन में उनकी चिकित्सा शुरू की गई। जांच में पता चला कि उनके एओर्टिक वाल्व में संकुचन है, जिसके कारण वाल्व को बदलना आवश्यक था। इसके लिए सर्जरी की जरूरत थी, जिसमें वृद्धों को खतरा हो सकता था।
ऐसी स्थिति में, डॉक्टरों ने वाल्व को TAVR (Transcatheter Aortic Valve Replacement) विधि से बदलने का सुझाव दिया। इसमें छाती की हड्डी को काटा नहीं जाता। एंजियोप्लास्टी की तरह, मरीज की जांघ की नस में एक छोटा चीरा लगाया जाता है, उसे पंचर किया जाता है और वाल्व को कैथेटर के माध्यम से हृदय में प्रत्यारोपित किया जाता है। सर्जरी के माध्यम से वाल्व बदलने में लगभग चार घंटे लगते हैं, जबकि इस तकनीक में केवल 45 मिनट का समय लगा। डॉ. भुवनचंद्र तिवारी ने बताया कि अहमदाबाद के डॉक्टर की मदद से संस्थान के डॉ. सुरदर्शन और उनकी टीम ने नई विधि से पहला वाल्व ट्रांसप्लांट किया।
TAVR तकनीक में, मरीज सामान्यतः वाल्व बदलने के बाद दूसरे दिन से चलना शुरू कर देते हैं। पांच दिनों के निरीक्षण के बाद उन्हें छुट्टी दे दी जाती है। डिस्चार्ज के बाद, मरीज को कुछ समय के लिए डॉक्टर की देखरेख में रखा जाता है।
हृदय वाल्व के बदलने की TAVR पद्धति के लाभ
- कम समय: पारंपरिक सर्जरी में चार घंटे लगते हैं, जबकि TAVR में केवल 45 मिनट।
- कोई चीरा नहीं: छाती की हड्डी को काटने की जरूरत नहीं पड़ती।
- कम जोखिम: विशेषकर वृद्ध मरीजों के लिए, जो पारंपरिक सर्जरी में जोखिम से गुजरते हैं।
- शीघ्र स्वस्थता: मरीज दूसरे दिन से चलने लगते हैं और पांच दिनों में छुट्टी पा सकते हैं।
- कम दर्द: बिना चीरे के प्रक्रिया होने के कारण दर्द कम होता है।
यह उपलब्धि हृदय रोग से पीड़ित लाखों लोगों के लिए आशा की किरण है, जिन्हें सर्जरी के बिना सुरक्षित और प्रभावी उपचार प्राप्त हो सकता है।